शनि देव जी की आरती से शनि देव आप सभी पर कृपा करे | सभी शनि दशा से डरते हैं| डरना भी चाहिए | शनि देव चाहे तो किसी को भी गिरा दे जैसे राजा नल के साथ हुआ था | वे चाहे तो किसी को भी तरक्की दे दें |
यहाँ दो शनि देव की आरती दी गई हैं | आप को जो पसंद हो, चुन लीजिये |
इनके अलावा , शनि देव को और भी प्रसिद्ध स्तुतियां हैं जैसे की भगवन राम के पिता दसरथ महाराज द्वारा रचित शनि स्तोत्रम , शनि वज्रपंजर कवचम्, शनि चालीसा , जय शनि महाराज आरती, शनि अष्टोत्तर शत नामावली,श्री शनैश्चर सहस्रनाम वली इत्यादि |
कहा जाता हैं कि सिर्फ भगवन विष्णु जी के भक्त और राम भक्त – पवन-पुत्र हनुमान जी के भक्त ही शनि देव के प्रकोप से बच सकते हैं |
बोलो : ॐ शं शनैश्चराय नमः
- जय शनि देवा
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- जय शनिदेव जी
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जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
Jay Shani Deva, jay Shani Deva,
Jay jay jay Shani Deva.
Akhil srishti mein koti-koti jan,
Karein tumhari seva.
Jay Shani Deva, jay Shani Deva,
Jay jay jay Shani Deva.
Ja par kupit hou tum swami,
Ghor kasth vah paave.
Dhan vaibhav aur maan-kirti,
Sab palbhar mein mit jaave.
Raja Nal ko lagi Shani dasha,
Rajpat har leva.
Jay Shani Deva, jay Shani Deva,
Jay jay jay Shani Deva.
Ja par prasann hou tum swami,
Sakal siddhi vah paave.
Tumhari kripa rahe to,
Usko jag mein kaun sataave.
Taamba, tel aur til se jo,
Karein bhaktjan seva.
Jay Shani Deva, jay Shani Deva,
Jay jay jay Shani Deva.
Har Shanivaar tumhari,
Jay-jay kaar jagat mein hove.
Kaliyug mein Shanidev mahaatma,
Dukh daridrata dhove.
Karu aarti bhakti bhav se,
Bhent chadaun meva.
Jay Shani Deva, jay Shani Deva,
Jay jay jay Shani Deva.
चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥
Chāra bhujā tahi chājai,
Gadā hasta pyārī.
Jay Shanidev jī.
Ravi nandan gaja vandan,
Yam agraj devā.
Kasht na so nar pāte,
Karte tab sevā.
Jay Shanidev jī.
Tej apār tumhārā,
Swāmī sahā nahīn jāve.
Tum se vimukh jagat mein,
Sukh nahīn pāve.
Jay Shanidev jī.
Namo namaḥ ravinandan,
Sab grah sirtājā.
Bansidhar yash gāve,
Rakhiyo prabhu lājā.
Jay Shanidev jī.