खाटू श्याम चालीसा हिंदू धर्म में खाटू श्याम भगवान की स्तुति का एक प्रमुख पाठ है। इसका अर्थ है “खाटू श्याम भगवान की स्तुति का गान”। इसका पाठ खाटू धाम में खाटू श्याम मंदिर में किया जाता है, विशेषकर खाटू श्याम जी की जन्मदिन या खाटू श्याम जी के उत्सव के अवसर पर।
खाटू श्याम चालीसा के पाठ से भक्तों को खाटू श्याम जी की कृपा, सुख, और सफलता की प्राप्ति होती है।
इसका पाठ करते समय शुद्ध और सात्विक भाव से किया जाना चाहिए।
- हिंदी / संस्कृत
- English
खाटू श्याम चालीसा, खाटू धाम सीकर
॥ दोहा॥
श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश ॥
ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश ॥
चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत हरे कलेश ।
श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश ॥
॥ चौपाई ॥
वन्दहुँ श्याम प्रभु दुःख भंजन ।
विपत विमोचन कष्ट निकंदन ॥
सांवल रूप मदन छविहारी ।
केशर तिलक भाल दुतिकारी ॥
मौर मुकुट केसरिया बागा ।
गल वैजयंति चित अनुरागा ॥
नील अश्व मौरछडी प्यारी ।
करतल त्रय बाण दुःख हारी ॥4॥
सूर्यवर्च वैष्णव अवतारे ।
सुर मुनि नर जन जयति पुकारे ॥
पिता घटोत्कच मोर्वी माता ।
पाण्डव वंशदीप सुखदाता ॥
बर्बर केश स्वरूप अनूपा ।
बर्बरीक अतुलित बल भूपा ॥
कृष्ण तुम्हे सुह्रदय पुकारे ।
नारद मुनि मुदित हो निहारे ॥8॥
मौर्वे पूछत कर अभिवन्दन ।
जीवन लक्ष्य कहो यदुनन्दन ॥
गुप्त क्षेत्र देवी अराधना ।
दुष्ट दमन कर साधु साधना ॥
बर्बरीक बाल ब्रह्मचारी ।
कृष्ण वचन हर्ष शिरोधारी ॥
तप कर सिद्ध देवियाँ कीन्हा ।
प्रबल तेज अथाह बल लीन्हा ॥12॥
यज्ञ करे विजय विप्र सुजाना ।
रक्षा बर्बरीक करे प्राना ॥
नव कोटि दैत्य पलाशि मारे ।
नागलोक वासुकि भय हारे ॥
सिद्ध हुआ चँडी अनुष्ठाना ।
बर्बरीक बलनिधि जग जाना ॥
वीर मोर्वेय निजबल परखन ।
चले महाभारत रण देखन ॥16॥
माँगत वचन माँ मोर्वि अम्बा ।
पराजित प्रति पाद अवलम्बा ॥
आगे मिले माधव मुरारे ।
पूछे वीर क्युँ समर पधारे ॥
रण देखन अभिलाषा भारी ।
हारे का सदैव हितकारी ॥
तीर एक तीहुँ लोक हिलाये ।
बल परख श्री कृष्ण सँकुचाये ॥20॥
यदुपति ने माया से जाना ।
पार अपार वीर को पाना ॥
धर्म युद्ध की देत दुहाई ।
माँगत शीश दान यदुराई ॥
मनसा होगी पूर्ण तिहारी ।
रण देखोगे कहे मुरारी ॥
शीश दान बर्बरीक दीन्हा ।
अमृत बर्षा सुरग मुनि कीन्हा ॥24॥
देवी शीश अमृत से सींचत ।
केशव धरे शिखर जहँ पर्वत ॥
जब तक नभ मण्डल मे तारे ।
सुर मुनि जन पूजेंगे सारे ॥
दिव्य शीश मुद मंगल मूला ।
भक्तन हेतु सदा अनुकूला ॥
रण विजयी पाण्डव गर्वाये ।
बर्बरीक तब न्याय सुनाये ॥28॥
सर काटे था चक्र सुदर्शन ।
रणचण्डी करती लहू भक्षन ॥
न्याय सुनत हर्षित जन सारे ।
जग में गूँजे जय जयकारे ॥
श्याम नाम घनश्याम दीन्हा ।
अजर अमर अविनाशी कीन्हा ॥
जन हित प्रकटे खाटू धामा ।
लख दाता दानी प्रभु श्यामा ॥32॥
खाटू धाम मौक्ष का द्वारा ।
श्याम कुण्ड बहे अमृत धारा ॥
शुदी द्वादशी फाल्गुण मेला ।
खाटू धाम सजे अलबेला ॥
एकादशी व्रत ज्योत द्वादशी ।
सबल काय परलोक सुधरशी ॥
खीर चूरमा भोग लगत हैं ।
दुःख दरिद्र कलेश कटत हैं ॥36॥
श्याम बहादुर सांवल ध्याये ।
आलु सिँह ह्रदय श्याम बसाये ॥
मोहन मनोज विप्लव भाँखे ।
श्याम धणी म्हारी पत राखे ॥
नित प्रति जो चालीसा गावे ।
सकल साध सुख वैभव पावे ॥
श्याम नाम सम सुख जग नाहीं ।
भव भय बन्ध कटत पल माहीं ॥40॥
॥ दोहा॥
त्रिबाण दे त्रिदोष मुक्ति दर्श दे आत्म ज्ञान ।
चालीसा दे प्रभु भुक्ति सुमिरण दे कल्यान ॥
खाटू नगरी धन्य हैं श्याम नाम जयगान ।
अगम अगोचर श्याम हैं विरदहिं स्कन्द पुरान ॥
Khatu Shyam Chalisa Khatu Dham Sikar (in English)
॥ doha ॥
shree guru paraaj sheeshadhar pratham sumiru ganesh ॥
dhyaan saarada haridhar bhajun bhavaanee mahesh ॥
charan sharan viplav pade hanumat kalesh haresh ॥
shyaam chaaleesa bhajat hun jayati khaatoo naresh ॥
॥ chaupaee ॥
vandahun shyaam prabhu duhkh bhajan ॥
vipat mukti abhilaasha nikandan ॥
saanval roop madan chhavi haaree ॥
keshar tilak bhaal dutikaaree ॥
mor mukut kesariya baaga ॥
gl vaijayantee chit anuraaga ॥
neel ashv morachadee mitr ॥
karatal tray ban duhkh haaree ॥4 ॥
sooryavarch vaishnav avataare ॥
sur muni nar jan jayati bulaake ॥
pita ghatotkach moravee maata ॥
paandav vanshadeep sukhadaata ॥
baabaree kesh svaroop anoopa ॥
barbareek atulit bal bhoopa ॥
krshn tumhen suhrday pukaare ॥
naarad muni mudit ho nihaare ॥8 ॥
maurve kvest kar abhivandan ॥
jeevan lakshy kaho yadunnandan ॥
gupt kshetr devee aaraadhana ॥
dusht damanakaaree kar saadhu saadhana ॥
baabareek baal brahmachaaree ॥
krshn vachan harsh shirodhaaree ॥
tap kar siddh deviyaan keenha ॥
prabal tej athaah bal leenha ॥12 ॥
yagy kare vijay vipr sujaana ॥
raksha bandhan kare praan ॥
nav koti daity palaashi maare ॥
naagalok vaasuki bhay hare ॥
siddh hua chandee anushthaan ॥
harbik balonidhi jag jaana ॥
veer morave nijabal parakhaan ॥
chale mahaabhaarat ran dekhen ॥16 ॥
maangat vachan maan moravee amba ॥
haar prati paad avalamba ॥
aage mile maadhav muraare ॥
poochho veer kyon samar padhaare ॥
ran dekhan abhilaasha bhaaree ॥
haare ka sada hitakaaree ॥
teer ek tihun lok hilaaye ॥
bal parakh shree krshn sakuchaaye ॥20 ॥
yadupati ne maaya se jaana ॥
paar apaar veer ko paana ॥
dharm yuddh kee det duhaee ॥
maangat chamak daan yadurai ॥
manasa hogee poorn tihaaree ॥
ran dekhoge kahe muraaree ॥
sheesh daan baaribeek deenha ॥
amrt varsha surag muni keenha ॥24 ॥
devee sheesh amrt se seenchat ॥
keshav dhare shikhar jahan parvat ॥
jab tak nabh mandal mein taare ॥
sur muni jan poojenge saare ॥
divy sheesh mud mangal moola ॥
bhaktan vikaas sada anukoola ॥
ran vijayee paandav gauravaye ॥
harabeek tab nyaay sunaaye ॥28 ॥
sar kate the chakr sudarshan ॥
ranachandee dit lahoo bhakshan ॥
nyaay sunat harshit jan saare ॥
jag mein goonje jay jayakaare ॥
shyaam naam aseem deenha ॥
ajar amar avinaashee kinha ॥
jan hit prakate khaatoo dhaama ॥
laksh daanee prabhu shyaama ॥32 ॥
khaatoo dhaam mauksh ka ॥
shyaam kund bahe amrt dhaara ॥
shudi dvaadashee phaalgun mela ॥
khaatoo dhaam saje alabela ॥
ekaadashee vrat jyot dvaadashee ॥
sabal kaay paralok sundraashee ॥
khed choorama bhog lagate hain ॥
duhkh daridr kalesh katat hain ॥36 ॥
shyaam bahaadur saanval dhyaaye ॥
aaloo sinh hrday shyaam basae ॥
mohan manoj viplav bhaankhe ॥
shyaam dhani mhaaree pat raakhe ॥
nit prati jo chaaleesa gaave ॥
sakal saadh sukh vaibhav paave ॥
shyaam naam sam sukh jag nahin ॥
bhav bhay bandh katat pal maaheen ॥40 ॥
॥ doha ॥
tribaan de tridosh mukti darshan de aatm gyaan ॥
chaaleesa de prabhu bhukti sumiran de kalyaan ॥
khaatoo nagaree dhany hain shyaam naam jayagaan ॥
agam agochar shyaam hain viradahin skand puraan ॥
Note:
Please note that being different languages, it’s not possible to do a perfect conversion of Mantra/Sloka into English. It is the closest we could achieve.
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