भगवान सुदर्शन स्वयं भगवान विष्णु के विस्तार हैं , अतः विष्णु तत्त्व होने के कारण विष्णु समान ही हैं | विष्णु जी का एक नाम सुदर्शन भी है |
भगवान विष्णु , नारायण या कृष्ण के सबसे प्रसिद्ध हथियारों में से एक हैं सुदर्शन चक्र | यह अमोघ अस्त्र हैं , मतलब कभी भी खाली नहीं जाते | अगर इनको किसी पर छोड़ा जाते हैं तो अपना काम करके ही लौटते हैं |
सुदर्शन चक्र एक विशेष कार्य के लिए बहुत माने जातें हैं , वो हैं वैष्णवों या भगवान विष्णु के भक्तों की रक्षा करना | पुराणों में ऐसी बहुत सी प्रसंग हैं | जैसे की परम वैष्ण्व महाराज अम्बरीष की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र जी ने ऋषि दुर्वासा का पीछा पुरे बह्रामंड तक किया |
उनकी चक्र के नोक से सूर्य के सामान गरम और तेजोमय रौशनी निकलती हैं | उनका घूमना कालचक्र के सामान है |
महा सुदर्शन मंत्र के जाप से भक्त को सुदर्शन चक्र की सुरक्षा प्राप्त होती है | उसके सभी प्रकार के भय, शारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है | उसके मोक्ष या वैकुण्ठ का रास्ता भी साफ हो जाते है |
महा सुदर्शन मंत्र को एकादशी दिन याह बुधवार या शनिवार जपना चाहिए | 3, 9, 11, or 108 बार इसका जप किया जा सकता है |
- हिंदी / संस्कृत
- English
ॐ क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय पराय परमपुरुषाय परमात्मने परकर्ममन्त्रयन्त्रौषधास्त्रशस्त्राणि संहर संहर मृत्योर्मोचय मोचय
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय दीप्त्रे ज्वालापरीताय सर्वदिक्षोभणकराय हुँ फट् ब्रह्मणे परंज्योतिषे स्वाहा ।
शब्दों के अर्थ
- ॐ (Om) – ओं, पवित्र ध्वनि
- क्लीं (Kleem) – क्लीं, बीज मंत्र
- कृष्णाय (Krishnaya) – कृष्ण को, भगवान श्रीकृष्ण को
- गोविन्दाय (Govindaya) – गोविंद को, भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम
- गोपीजनवल्लभाय (Gopijanavallabhaya) – गोपीजन वल्लभ को, गोपियों के प्रिय को
- पराय (Paraya) – परे, सर्वोच्च
- परमपुरुषाय (Parampurushaya) – परम पुरुष को, सर्वोच्च पुरुष
- परमात्मने (Paramatmane) – परमात्मा को, सर्वोच्च आत्मा
- परकर्म (Parakarma) – परम कर्म,
- यन्त्र (Yantra) – यंत्र, तंत्र उपकरण
- संहर (Sanhara) – संहार कर, नष्ट कर
- मृत्योर (Mrityor) – मृत्यु से, मृत्यु से
- मोचय (Mochaya) – मुक्त कर, मुक्ति दे
- नमो (Namo) – नमः, प्रणाम
- भगवते (Bhagavate) – भगवान को, भगवान को
- महासुदर्शनाय (Mahasudarshanaya) – महा सुदर्शन को, महान सुदर्शन चक्र को
- दीप्त्रे (Deeptre) – दीप्तिमान, चमकता हुआ
- ज्वालापरीताय (Jwalapareetaya) – ज्वाला से घिरे हुए, अग्नि से घिरे हुए
- सर्वदिक्षोभणकराय (Sarvadikshobhanakaraya) – सभी दिशाओं को कम्पित करने वाले, सब दिशाओं को हिलाने वाले
- हुँ (Hum) – हुँ, पवित्र ध्वनि
- फट् (Phat) – फट्, पवित्र ध्वनि
- ब्रह्मणे (Brahmane) – ब्रह्मण को, ब्रह्मा को
- परंज्योतिषे (Paramjyotishe) – परम ज्योति को, सर्वोच्च प्रकाश को
- स्वाहा (Swaha) – स्वाहा, यज्ञ में अर्पित
Om Kleem Krishnaya Govindaya Gopijanavallabhaya Paraya Parampurushaya Paramatmane
Parakarma Mantra Yantra Aushadha Astra Shastraani Sanhara Sanhara Mrityor Mochaya Mochaya
Om Namo Bhagavate Mahasudarshanaya Deeptre Jwalapareetaya Sarvadikshobhanakaraya Hum Phat Brahmane Paramjyotishe Swaha.
Meanings of words
- ॐ (Om) – Om, the sacred sound
- क्लीं (Kleem) – Kleem, the Bija mantra
- कृष्णाय (Krishnaya) – to Krishna, to Lord Krishna
- गोविन्दाय (Govindaya) – to Govinda, another name of Lord Krishna
- गोपीजनवल्लभाय (Gopijanavallabhaya) – to the beloved of the Gopis, to the one who is dear to the Gopis
- पराय (Paraya) – supreme, transcendent
- परमपुरुषाय (Parampurushaya) – to the Supreme Being, to the highest person
- परमात्मने (Paramatmane) – to the Supreme Soul, to the highest soul
- परकर्म (Parakarma) – supreme actions
- मन्त्र (Mantra) – mantra, sacred chant
- यन्त्र (Yantra) – yantra, mystical diagram
- औषध (Aushadha) – medicine, remedy
- अस्त्र (Astra) – weapon, missile
- शस्त्राणि (Shastraani) – weapons, arms
- संहर (Sanhara) – destroy, eliminate
- मृत्योः (Mrityor) – from death, of death
- मोचय (Mochaya) – liberate, free
- नमः (Namo) – salutation, bow
- भगवते (Bhagavate) – to the Lord, to the divine
- महासुदर्शनाय (Mahasudarshanaya) – to the great Sudarshana, to the mighty Sudarshana
- दीप्त्रे (Deeptre) – blazing, shining
- ज्वालापरीताय (Jwalapareetaya) – surrounded by flames, encircled by fire
- सर्वदिक्षोभणकराय (Sarvadikshobhanakaraya) – who agitates all directions, who shakes all quarters
- हुँ (Hum) – hum, sacred sound
- फट् (Phat) – phat, sacred sound
- ब्रह्मणे (Brahmane) – to Brahman, to the absolute
- परंज्योतिषे (Paramjyotishe) – to the supreme light, to the highest illumination
- स्वाहा (Swaha) – swaha, an oblation or offering in the fire